रविवार, 31 जुलाई 2016

ग़लती...

तुमसे  कोई शिकायत हो  भी  तो आख़िर क्यों,
तुम तक  दिल लगाने के लिए  हम ही आये थे।
मशहूर  तो  तुम  थे  ही  दिल तोड़ने  के  लिए,
ग़लती हमारी थी ख़्वाब सजाने हम ही आये थे।
~नवीन

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