मंगलवार, 30 अगस्त 2016

वही चिराग़ हो तुम...

अँधेरे के छंटते ही  उस नन्हे चिराग़ को भुला दिया जाता है,
कुछ लोगों ने तुम्हें भुला दिया तो इसमें कोई नयी बात नहीं।
~नवीन

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